RBI के लिए अभी इकोनॉमिक ग्रोथ है सबसे इम्पोर्टेंट, पर्याप्त कैश और सस्ता लोन पर फोकस
RBI latest news: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी उनके लिए ग्रोथ सबसे अहम है और रिवाइवल को बनाए रखने के लिए जो भी जरूरी होगा, हम कदम उठाएंगे. हालांकि उन्होंने तुरंत यह भी कहा कि महंगाई को टारगेट के मुताबिक रखना भी जरूरी है.
महंगाई में बढ़ोतरी की आशंका (पहली छमाही में 5.2 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 4.4 प्रतिशत है. (पीटीआई)
महंगाई में बढ़ोतरी की आशंका (पहली छमाही में 5.2 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 4.4 प्रतिशत है. (पीटीआई)
RBI latest news: कोरोनाकाल को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि उसके लिए इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) को सपोर्ट करना सबसे ज्यादा जरूरी है. आरबीआई ने आज कहा कि फिलहाल आर्थिक विकास उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है और रिवाइवल को बनाए रखने के लिए वह पर्याप्त कैश और सस्ता लोन सुनिश्चित करने समेत हर जरूरी कदम उठाएगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक, रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली दो महीने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की और प्रमुख नीतिगत दर रेपो को लगातार पांचवीं बार 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
महंगाई को टारगेट के मुताबिक रखना भी जरूरी (necessary to keep inflation according to the target)
खबर के मुताबिक, मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए कहा कि अभी उनके लिए ग्रोथ सबसे अहम है और रिवाइवल को बनाए रखने के लिए जो भी जरूरी होगा, हम कदम उठाएंगे. हालांकि उन्होंने तुरंत यह भी कहा कि महंगाई को टारगेट के मुताबिक रखना भी जरूरी है.
चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान (Estimates of economic growth for the current financial year)
दास ने कहा कि सरकार ने 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ महंगाई 4 प्रतिशत पर रखने के टारगेट को बरकरार रखा है. इससे हमारे लिए ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए नीति के मोर्चे पर पर्याप्त गुंजाइश है. इसका कारण यह है कि अभी बढ़ोतरी के हाल के समय की तुलना में नीचे जाने का जोखिम ज्यादा है. इसलिए इससे ग्रोथ हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है. केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को बरकरार रखा है. उसने कहा कि दो महीने पहले जताए गए इस अनुमान को संशोधित करना अभी जल्दबाजी होगी.
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जो भी जरूरी होगा, कदम उठाएंगे (Will take steps whatever is necessary)
यह पूछे जाने पर कि महंगाई में बढ़ोतरी की आशंका (पहली छमाही में 5.2 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 4.4 प्रतिशत है, इसके बावजूद ग्रोथ पर जोर के साथ अनिश्चित समय के लिए नरम रुख को रखा गया है, दास ने कहा कि हम तबतक नरम रुख रखेंगे जबतक आर्थिक वृद्धि टिकाऊ नहीं हो जाती और हम इसे हासिल करने के लिए जो भी जरूरी होगा, कदम उठाएंगे.
महंगाई पहले से स्थिर है (Inflation is already stable)
दास ने यह भी कहा कि महंगाई (मुद्रास्फीति) पहले से स्थिर है और नियम के दायरे में बनी हुई है. यही स्थिति मुद्रास्फीति के अनुमान को लेकर है. यह इस तथ्य से बिल्कुल साफ है कि सरकार ने 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत रखने के लक्ष्य को बरकरार रखा है. दास ने कहा कि यह नियम आरबीआई को मौजूदा महामारी जैसी किसी भी असाधारण स्थिति से निपटने के लिये पर्याप्त नीतिगत गुंजाइश उपलब्ध कराता है.
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09:26 PM IST